12वीं गणित के बाद सर्वोत्तम कैरियर विकल्प

भारत में JEE (MAIN) के परीक्षा में पिछले साल तकरीबन 9.5 लाख छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। ये आंकड़ा यह बताने के लिए काफ़ी है कि भारत में 12 वीं में गणित के साथ पढ़ने वाले बच्चों की संख्या कितनी अधिक है। इन सारे बच्चों का सपना एक ही होता है… IIT, NIT या उसके समतुल्य इंजीनियरिंग संस्थानों में एक सीट हासिल करना। लेकिन इन सभी संस्थानों के कुल सीट और परीक्षा में भाग लेने वाले बच्चों का अनुपात अगर देखा जाए तो वो काफ़ी अधिक है और उसके ऊपर से अगर बच्चों के पसंद के ब्रांच और कॉलेज के हिसाब से देखा जाए, तो यह गणित और उलझी हुई और कठिन मालूम पड़ती है क्योंकि सारे बच्चे अपने पसंद के ब्रांच और कॉलेज में ही जाना चाहते हैं। साथ ही एक सच ये भी है कि भारत में उच्च स्तर के संस्थानों को अगर छोड़ दिया जाए तो अन्य जगहों पर इंजीनियरिंग और टेक्निकल विषयों की पढ़ाई की बेहतर सुविधा नहीं है। ऐसे में एक बहुत बड़ा सवाल ये होता है कि जिन लोगों को अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता है उनके सामने और क्या रास्ते हैं? क्या उन्हें दोयम दर्जे के कॉलेज में सिर्फ़ इसलिए चले जाना चाहिए कि इंजीनियरिंग के अलावा कोई और विकल्प मौजूद ही नहीं है!! वे बच्चे जो 10 वीं के बाद तो इंजिनियरिंग के लिए तैयारी शुरू कर देते हैं लेकिन बाद में उन्हें लगता है कि वो इंजिनियरिंग नहीं करना चाहते हैं, ऐसे बच्चों के सामने और क्या क्या रास्ते हैं? वास्तव में इस सवाल का शिकार हो कर हर साल बहुत से बच्चे सिर्फ़ इसलिए निचले स्तर के कॉलेज में दाखिला ले लेते हैं क्योंकि उन्हें कोई और रास्ता नहीं सूझता है। ये जानते हुए भी कि भारत के पहले और दूसरे टियर के इंजिनियरिंग कॉलेज को अगर छोड़ दिया जाए तो बाकी जगह बेहतर पढ़ाई के नाम पर बहुत तरह के धोखे होते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है कि इंजिनियरिंग के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता… ऐसे बहुत से अन्य रास्ते होते हैं जो दोयम दर्जे के इंजिनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले कर रिस्क लेने से कई ज़्यादा बेहतर हैं। इन रास्तों के बारे में उन सभी बच्चों को जानना चाहिए जो ना चाह कर भी इंजिनियरिंग सिर्फ़ इसलिए कर लेते है क्योंकि उन्हें और कोई विकल्प नहीं सूझता है। यहां हम उन सारे बेहतर विकल्पों के बारे में चर्चा करेंगे जो 12 वीं में गणित के साथ पढ़ने वाले बच्चों के लिए इंजिनियरिंग के अलावा मौजूद हैं।

1. NDA (National Defence Academy) :

यह परीक्षा यूपीएससी के तरफ से हर साल 2 बार आयोजित की जाती है जिसमें 12 वीं के स्तर के गणित, अंग्रेज़ी और सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाते हैं। यह दो स्तर की परीक्षा होती है। पहले लिखित और फिर इंटरव्यू… इस परीक्षा के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में आसानी से प्रवेश पाया जा सकता है।

2. TES (Technical Entry Scheme) :

12वीं के स्तर पर आयोजित होनी वाली इस परीक्षा के माध्यम से भी रक्षा क्षेत्र में प्रवेश पाया जा सकता है। लिखित परीक्षा तथा इंटरव्यू के बाद चयनित अभ्यर्थियों को 5 वर्ष के कोर्स के लिए चयनित किया जाता है। यह परीक्षा NDA के परीक्षा से कठिन होती है क्योंकि इसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों का दायरा बड़ा होता है लेकिन यह एक ऐसी परीक्षा है जिसके माध्यम से रक्षा और टेक्नोलॉजी दोनों क्षेत्र को एक साथ साधा जा सकता है।

3. B.Sc (Bachelor of Science) :

भारत में बहुत सारी ऐसी यूनिवर्सिटीज है जो स्नातक डिग्री के लिए अलग से परीक्षा आयोजित करती हैं जैसे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU), जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU), जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMIU), अन्ना विश्वविद्यालय (AU)। यहां से गणित, भौतिकी अथवा रसायन में से किसी भी विषय से स्नाकोत्तर करके IIT-JAM जैसी कई परीक्षाओं में शामिल होकर अपने कैरियर को एक नई दिशा दी जा सकती है। यहां से उच्च शिक्षा के तरफ जाते हुए M.Sc और PHD जैसी बेहतर डिग्रीयों की सहायता से जीवन में ऊंचे मुकाम हासिल किए जा सकते है। NET-GRF जैसी परीक्षाएं इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बेहतर माध्यम उपलब्ध कराती हैं, जो ज़िन्दगी को नई दिशा देने में सहायक है।

4. विमानन (Aviation) :

अगर आपको हवा में उड़ने वाली जहाज़ अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, अगर आपके भीतर उसके बारे में जानने की इच्छा है कि ये सेवाएं किस तरह काम करती हैं और कौन-कौन लोग किस प्रकार से एक साथ मिल कर इन हवाई अड्डों तथा जहाजों की देख-रेख एवं सुरक्षित यातायात को निश्चित करते हैं, तो विमानन आपके लिए उपयुक्त विषय है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसके बारे में भारत में अभी बहुत कम जानकारी है और बहुत कम लोग ही इस क्षेत्र में आते हैं। विमानन कंपनियों में काम करने के लिए 12 वीं के बाद इस क्षेत्र में आया जा सकता है और एक बेहद मज़बूत कैरियर बनाया जा सकता है। इस क्षेत्र में किए जाने वाले कुछ प्रमुख कोर्स हैं BBA (aviation), B.Sc(aviation), BBA(airport management) इत्यादि। इसके साथ ही बहुत से विषयों में diploma डिग्री लेकर भी इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। इन सभी डिग्री के लिए विभिन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी के तरफ से परीक्षा आयोजित की जाती है जहां मेरिट लिस्ट और इंटरव्यू (कुछ जगहों पर) के आधार पर दाखिला दिया जाता है।

5. मर्चेंट नेवी :

12 वीं के बाद उन लोगों के लिए जिन्हें सागर के लहरों से प्यार है, जो जहाजों के साथ घूमना पसंद करते हैं और 9-5 की नौकरी में नहीं फसना चाहते, यह एक बेहद उम्दा कैरियर हो सकता है। इस क्षेत्र में प्रवेश पाने के लिए जो मुख्य कोर्स हैं वो है ‘B.Sc (nautical science/marine catering)’. इसके लिए आयोजित होने वाली सबसे प्रमुख प्रवेश परीक्षा है ‘IMU-CET’ जिसके माध्यम से CUSAT, AMET यूनिवर्सिटी चेन्नई, मर्चेंट नेवी एकेडमी दिल्ली, इंडियन मैरीटाइम यूनिवर्सिटी, जैसे प्रमुख संस्थानों में प्रवेश पाया जा सकता है और ज़िन्दगी को एक नई दिशा में बेहतर तरीके से संवारा जा सकता है।

6. डिजाइनिंग :

संभावनाओं से भरे इस क्षेत्र में आप अपनी रचनात्मकता को एक नई पहचान दे सकते हैं। इसमें कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं जैसे इंटरियर डिजाइन, टेक्सटाइल डिज़ाइन, ग्राफिक डिज़ाइन, कार्टून डिज़ाइन, ऑटोमोबाइल डिज़ाइन, इंडस्ट्री डिज़ाइन, फैशन डिजाइन, UX/UI डिज़ाइन इत्यादि। इन सभी कोर्सेज में प्रवेश पाने के लिए भारत में बहुत सारी परीक्षाएं आयोजित की जाती है जैसे CEED, NID-DAT, UPES-DAT, NIFT इंट्रेंस, SOFT इंट्रेंस, NEED, UCEED, FDDI, AIST तथा और भी बहुत सारी.. जिसके सहायता से भारत के बेहतरीन डिजाइनिंग संस्थानों जैसे FDDI, NID, NIIFT, NIFT, IDC मुंबई, pearl अकादमी, SID में प्रवेश लिया जा सकता है।

7. फोरेंसिक साइंस :

आपने बचपन में यदि सीआईडी वाले डॉक्टर सालुंखे को देखकर ये सोचा हो की एक लाश से वो इतनी जानकारी कैसे निकाल लेते हैं… क्या ऐसा सच में होता है? अगर ऐसा है तो आपको इन सारे सवालों के जवाब फोरेंसिक साइंस देगा! आज के समय में इसकी महत्ता काफी बढ़ गई है क्योंकि बहुत सारे क्राइम के मामलों में टेढ़े-मेढे सवालों का उचित व अर्थपूर्ण तथ्यों के साथ जवाब ढूंढने में इसकी मदद ली जाती है। आधुनिक तकनीक, मेडिकल साइंस और विज्ञान के कई नए सिद्धांतो को एक साथ मिला कर फोरेंसिक साइंस की नींव रखी जाती है, जो क्राइम वाले जगह से एवं मुर्दों के शरीर से कई तरह की जानकारियां एकत्र करता है और मामले को सुलझाने में मदद करता है। भारत में बहुत सारी संस्थानें जैसे IFS पुणे, IFS मुंबई, IFS गांधीनगर, LNJN, NICFS, IGIMS पटना इस विषय में स्नातक डिग्री (B.Sc forensic science) प्रदान करती हैं जिनमें अधिकांश कॉलेजों में बिना किसी प्रवेश परीक्षा के 12 वीं के अंक के आधार पर प्रवेश पाया जा सकता है।

इन सभी विकल्पों के अतिरिक्त उन सभी बच्चों के लिए अन्य और भी बहुत सारे रास्ते हैं जिन्होंने गणित के साथ 12 वीं की होती है। ये सभी रास्ते इंजिनियरिंग के अतिरिक्त वैकल्पिक कैरियर प्रदान करते हैं जिनमें एक उत्तम भविष्य बनाया जा सकता है। जो लोग मैनेजमेंट में जाना चाहते है उनके लिए होटल मैनेजमेंट, BBA इत्यादि बेहतर विकल्प हो सकते हैं। कंप्यूटर और उससे जुड़ी चीज़ों में रुचि रखने वालों के लिए BCA एक बेहतर विकल्प है। साथ ही वो बच्चे जिन्हें आंकड़ों और अंकों से खेलना पसंद है तथा गणित को व्यावहारिक ज्ञान से बढ़ कर एक प्रायोगिक विषय के रूप में देखते है उनके लिए B.Sc (statistics) एक शानदार कैरियर हो सकता है… जिसके लिए Indian Statistical Institute (ISI) के अतिरिक्त कई और बेहतरीन संस्थान भारत में मौजूद हैं। साथ ही प्रकृति और निर्जीव वस्तुओं अर्थात् अकार्बनिक पदार्थों में रुचि रखने वालों के लिए आपदा प्रबंधन, meteorology आदि प्रमुख विषयों के साथ स्नातक डिग्री एक अच्छा विकल्प है। अर्थात् जिन लोगों ने 12 वीं गणित के साथ किया हो उनके लिए इंजिनियरिंग के अलावा ढेरों ऐसे विकल्प मौजूद हैं जिनके साथ आगे बढ़ा जा सकता है और जीवन को नए नजरिए से देखा एवं समझा जा सकता है।


A report by Devesh Kumar for IHOIK education desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *