हिंदी भाषा विश्व की प्राचीन भाषाओं में से एक है जो विश्व में चौथी सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है। भारत की जनगणना 2011 के अनुसार 57% जनसंख्या हिंदी जानती है। भारत के अलावा हिंदी और उसकी बोलियां विश्व के अन्य देशों में भी बोली पढ़ी व लिखी जाती हैं। मारीशस, नेपाल, गयाना, फिजी और संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों में भी हिंदी भाषी लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है। हिन्दी की आदि जननी संस्कृत है। संस्कृत पालि, प्राकृत भाषा से होती हुई अपभ्रंश तक पहुंचती है। फिर अपभ्रंश से अवहट्ट से गुजरती हुई प्राचीन/प्रारंभिक हिंदी का रूप ले लेती है।
हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक भाषा के रूप में प्रस्तुत करना तथा वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा को सम्मान और पहचान दिलाने के लिए मंच तैयार करना है। कभी कभी हिन्दी दिवस और विश्व हिंदी दिवस को लेकर बहुत से लोगों में असमंजस कि स्थिति उत्पन्न हो जाती है। दोनों ही दिवसों का उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करना है लेकिन जानकारी के लिए बता दे कि राष्ट्रीय हिन्दी दिवस जहां 14 सितंबर को मनाया जाता है वहीं, विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिंदी भाषा को पहचान दिलाने और प्रचार प्रसार के उद्देश्य से 10 जनवरी 1975 को महाराष्ट्र के नागपुर में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया जिसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था। इस सम्मेलन कि अध्यक्षता मॉरिशस के तत्कालीन राष्ट्रपति शिवसागर रामगुलाम ने किया था। इस सम्मेलन का उद्देश्य दुनियाभर में हिंदी को एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पहचान दिलाना था। इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, 1975 से विभिन्न देशों जैसे- संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो ने विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया।
विश्व में हिन्दी भाषा का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई थी। इसी क्रम में भारत सरकार ने फैसला किया कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाना चाहिए और पहली बार 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया, तब से हर साल इसे इसी तारीख पर मनाया जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय के तत्वाधान में पहला हिंदी दिवस नॉर्वे के भारतीय दूतावास ने मनाया गया, बाद में दूसरा और तीसरा हिंदी दिवस भारतीय नॉर्वे सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेश चन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। तब से हिंदी दिवस को वैश्विक रूप में अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में विश्व के कई देशों में मनाया जाने लगा। सभी देशों में स्थित भारत के दूतावासों में इस दिन 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और हिंदी भाषी लोगों को आमंत्रित किया जाता है।
Article by Devesh Kumar