भारत में कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों से वैक्सीन की कमी के खबरों से हलकान आम जनता के लिए रविवार को एक राहत की ख़बर आई। कोविशिल्ड और कोवैक्सिन के बाद अब स्पुतनिक V वैक्सीन को भी वैक्सीन मामलों की विशेषज्ञ कमिटी SEC के साथ साथ ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडीया की भी मंजूरी मिल गई है।
#COVID19 | Drug Controller General of India (DCGI) has approved emergency use authorisation of Russian vaccine, Sputnik V pic.twitter.com/lrUH18I9nP
— ANI (@ANI) April 13, 2021
भारत में हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डीज लैब ने इस वैक्सीन के ट्रायल किये थे जिससे प्राप्त आंकड़ों के आधार पर भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल के समक्ष इसके आपातकालीन प्रयोग की मांग रखी गई थी। खबरों के मुताबिक सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने इस वैक्सीन के ट्रायल आंकड़ो को तय मानकों के अनुरूप पाया है और इसके इस्तेमाल की अनुमति देने की अनुशंसा की है। इस मामले में आख़िरी फ़ैसला लेते हुए सोमवार के अहले सुबह ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है।
ज्ञात हो कि भारत में भारत बॉयोटेक की कोवैक्सिन और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी एवम एस्ट्राजेन्का के तत्वधान में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशिल्ड वैक्सीन को पहले हीं आपातकालीन प्रयोग की अनुमति मिली हुई है। प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक अब तब भारत में वैक्सीन के 10 करोड़ 45 लाख से भी अधिक डोज लगाए जा चुके हैं।
स्पूतनिक V का निर्माण गामालेया नेशनल सेंटर ऑफ एपीडेमियोलॉजी एन्ड माइक्रोबायोलॉजी तथा रशियन डाईरेक्टरेट इंवेस्टमेंट फंड के संयुक्त तत्वधान में हुआ है। ये कोरोना पर दुनिया का पहला रजिस्टर्ड वैक्सीन है जिसे 2020 के अगस्त महीने में रजिस्टर कराया गया था। निर्माताओं के मुताबिक ये वैक्सीन कोरोना रोकने में 91.6 फीसदी तक कारगर है वहीं कोवैक्सिन और कोविशिल्ड कि सफलता दर 80 प्रतिशत के आस-पास है। कुछ मामलों में स्पूतनिक V वैक्सीन लगाने के उपरांत बुखार, थकान, सरदर्द जैसे साइड इफेक्ट्स भी देखे गए हैं, पर जानकारों के मुताबिक इस वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट अन्य वैक्सीन के मुक़ाबले कम है। भारत से पहले कुल 59 देश स्पुतनिक V के आपातकालीन प्रयोग की अनुमति दे चुके हैं। बाजार में इस वैक्सीन के दो डोज की कीमत 10 अमिरिकी डॉलर यानी तकरीबन 750 रुपये होगी जो कि फाइजर और मोडर्ना क वैक्सीन के मुकाबले काफी कम है। इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर स्टोर किया जाना है और इसके दो डोज के बीच का अंतर 21 दिन का होगा।
स्पूतनिक V के प्रयोग की अनुमति मिलने के बाद भारत में दैनिक वैक्सीन उत्पादन क्षमता में उछाल आने की संभावना है जिससे मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को और कम किया जा सकेगा। साथ हीं, इस वैक्सीन के प्रयोग में आने से अन्य दो वैक्सीन निर्माता कम्पनियों (भारत बॉयोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) से भी दबाव घटेगा।
भारत में रूस के राजदूत निकोलय क़ुदशेव ने भी स्पूतनिक V के प्रयोग की संस्तुति पर हर्ष व्यक्त किया और इसको डीसीजीआई अप्रूवल मिलने की उम्मीद जताई।
We note reports that a committee of experts recommended Sputnik V for use in India. This step would definitely contribute to the efforts of Indian govt to counter #COVID19 pandemic. We hope approval by the DCGI will be completed soon: Nikolay Kudashev, Russian Ambassador to India pic.twitter.com/I8POGs5czk
— ANI (@ANI) April 12, 2021
हेल्थ डेस्क के लिए आशीष रंजन की रिपोर्ट।